Cricket: ये भारतीय खिलाड़ी बना रंगभेद का शिकार, अब ट्विटर पर बताई आपबीती

0
286

नई दिल्ली। Cricket: पिछले कुछ दिनों से क्रिकेट में भी रंगभेद के मामले फिर से सामने आने लगे हैं। सालों तक रंगभेद के कारण आलोचनाओं का शिकार होते रहे क्रिकेट में बीते कुछ सालों से ऐसे मामलों पर लगाम लगी थी। आइसीसी ने भी इस पर सख्ती करने की कोशिश की थी। लेकिन अब नस्लवाद और रंगभेद को लेकर इंग्लैंड क्रिकेट फिर से सुर्खियों में आ गया है और इस कड़ी में अब एक भारतीय खिलाड़ी भी शामिल हो गया है। पूर्व भारतीय लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने भी आरोप लगाया कि उन्हें भी रंगभेद का शिकार बनाया गया।

शिवरामकृष्णन ने कहा कि Cricket करियर में उन्होंने इस भेदभाव का सामना किया और बाकी जीवन भी इसी सच्चाई के साथ काटा और यह सब उनके साथ भारत में ही किया गया। शिवरामकृष्णन भारत के लिए नौ टेस्ट और 16 वनडे खेल चुके हैं।

EPL: बर्फबारी के बीच जीती मैनचेस्टर सिटी, वेस्ट हैम को दी शिकस्त

शिवरामकृष्णन ने इस मामले का खुलासा अपने ट्विटर हैंडल पर किया। उन्होंने लिखा, “मैंने अपनी पूरी जिंदगी रंग के कारण भेदभाव और आलोचना का सामना किया, इसलिए यह मुझे अब परेशान नहीं करता। दुर्भाग्य से यह मेरे अपने देश में हुआ।“ पूर्व लेग स्पिनर उस ट्विटर पोस्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें कमेंटेटरों पर आनलाइन ट्रोलिंग का संकेत दिया गया था।

Corona के नए वैरिएंट से खतरे में Team India का दक्षिण अफ्रीका दौरा

पहले भी एक भारतीय क्रिकेटर ने लगाया था आरोप

शिवरामकृष्णन ही एकमात्र भारतीय Cricket खिलाड़ी नहीं हैं, जिन्होंने भेदभाव किए जाने के बारे में बात की है बल्कि, तमिलनाडु के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद ने भी 2017 में इंटरनेट मीडिया पर यह मुद्दा उठाया था। मुकुंद भारत के लिए सात टेस्ट मैच खेल चुके हैं।

IND vs NZ 1st Test Day 4: न्यूजीलैंड की खराब शुरुआत, चौथे दिन तक स्कोर 4/1

उन्होंने ट्विटर पर एक बयान जारी कर कहा था,“मैं 15 साल की उम्र से देश के अंदर और बाहर यात्रा करता रहा हूं। जब से मैं युवा था, तब से ही लोगों की मेरी त्वचा के रंग के प्रति सनक मेरे लिए हमेशा रहस्य बनी रही है। जो भी Cricket का अनुसरण करता है, वह इसे समझेगा। मैं धूप में पूरे दिन ट्रेनिंग करता और खेलता रहा हूं और कभी भी एक बार भी मुझे त्वचा के रंग के गहरे (टैन) होने का पछतावा नहीं हुआ है।“ पिछले साल पूर्व भारतीय और कर्नाटक के तेज गेंदाबज डोडा गणेश ने भी नस्लवाद का मुद्दा उठाया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here