नई दिल्ली। एशियाई बॉक्सिंग चैैंपियनशिप (Asian Boxing Championship) के फाइनल मुकाबले में पूजा रानी (75 किग्रा) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार दूसरी बार गोल्ड मेडल जीता। पूजा ने फाइनल मैच में उज्बेकिस्तान की मावुडा मोवलोनोवा को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इससे पहले मैरीकॉम (51 किग्रा) और लालबुतसाही (64 किग्रा) को फाइनल में हार के साथ सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। मैरीकॉम को करीबी मुकाबले में नाजिम किजाइबे के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जबकि लालबुतसाही को मिलाना साफरोनोवा ने मात दी।
ऑनलाइन Traditional National Wushu Championship का आगाज कल से
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी है पूजा
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी पूजा बाई और वॉकओवर मिलने के बाद टूर्नामेंट का पहला मुकाबला खेल रही थीं और उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत उज्बेकिस्तान की मावुलडा मोवलोनोवा को हरा दिया। एक मुकाबले में स्वर्ण पदक जीतने से उन्हें 10 हजार डॉलर की इनामी राशि मिली। उनकी प्रतिद्वंद्वी के बाद उनके तेजी का कोई जवाब नहीं था।
जानिए BCCI की SGM में किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा और लिए फैसले
फाइलन में हारी मैरीकॉम, सिल्वर मेडल से करना पड़ा संतोष
इससे पहले मैरीकॉम महिला 51 किग्रा फाइनल में कजाखस्तान की नाजिम किजाइबे से 2-3 के खंडित फैसले से पराजित हो गईं। उन्होंने हालांकि टूर्नामेंट का अपना सातवां मेडल हासिल किया। इस दिग्गज मुक्केबाज ने एशियाई चैम्पियनशिप में अपना पहला पदक 2003 में जीता था और इस तरह उन्होंने पांच स्वर्ण और दो रजत पदक जीत लिए हैं।
BCCI का फैसला, UAE में खेले जाएंगे IPL 2021 के बाकी बचे मैच
लालबुतसाही की भी करना पड़ा हार का सामना
लालबुतसाही को भी कजाखस्तान की प्रतिद्वंद्वी मिलाना साफरोनोवा से यादगार टक्कर में 2-3 के विभाजित फैसले में हार झेलनी पड़ी। दोनों मुक्केबाजों को पुरस्कार राशि के तौर पर 5 हजार डॉलर (लगभग 3.6 लाख रुपये) मिले। लालबुतसाही को भारतीय टीम में अंत में अनुभवी प्विलाओ बासुमातारी की जगह शामिल किया गया था जिनके पासपोर्ट की समयसीमा खत्म हो गई थी। मिजोरम की इस मुक्केबाज ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को जवाबी हमलों से थका दिया लेकिन अंतिम दौर में लय गंवा बैठीं और उन्हें दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।