नई दिल्ली। AFI : भारतीय एथलीट्स के लिए अब विदेशों में ट्रेनिंग से पहले भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) की लिखित अनुमति लेना जरूरी होगा। बिना अनुमति विदेश में ट्रेनिंग लेने वाले और प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ महासंघ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। इतना ही नहीं इन खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी रिकॉर्ड बुक में शामिल नहीं किया जाएगा। इसी महीने से एएफआई ऐसे खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा।
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AFI के अध्यक्ष बहादुर सिंह सागू ने कहा कि खिलाड़ियों के बिना अनुमति विदेश जाने से ओलंपिक और एशियाई खेलों में नेशनल टीम के चयन की रणनीति प्रभावित होती है। इसके अलावा एएफआई को ये पता होना चाहिए कि विदेशों में व्यक्तिगत रूप से ट्रेनिंग कितने खिलाड़ी कर रहे हैं और उनका इंटरनेशनल एक्सपोजर का उद्देश्य क्या है।
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रिकॉर्ड बुक में शामिल नहीं होगा रिकॉर्ड
सागू ने कहा, ‘विदेशी सरजमीं पर प्रतिस्पर्धा और ट्रेनिंग के लिए देश में ट्रैक एंव फील्ड की राष्ट्रीय संचालन संस्था से पहले से अनुमति नहीं लेने वाले व्यक्तिगत खिलाड़ियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘अगर एथलीट अंतरराष्ट्रीय ‘एक्सपोजर’ (ट्रेनिंग और अभ्यास) के लिए AFI की मंजूरी नहीं लेते हैं जो कि अनिवार्य है तो उनका प्रदर्शन रिकॉर्ड बुक के लिए अमान्य हो जाएगा। एथलीटों के हितों की रक्षा के लिए एएफआई ने विदेश में ट्रेनिंग और प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने के लिए एक विशिष्ट समय अवधि निर्धारित की है।’
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कोर समिति की बैठक में फैसला
उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों को भविष्य में विदेशी धरती पर किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रविष्टियां भेजने से पहले एएफआई कार्यालय से पूर्व लिखित अनुमति लेनी चाहिए।’ AFI का यह फैसला मार्च में कोर समिति की बैठक के बाद आया है जो खिलाड़ियों की ट्रेनिंग सहित अंतरराष्ट्रीय ‘एक्सपोजर’ के बारे में नीति बनाने के लिए की गई थी।