नई दिल्ली। भारत ने भले ही 41 साल बाद Olympic खेलों में फिर से Hockey में पदक हासिल किया हो लेकिन Olympic के इतिहास पर नजर डाली जाए तो भारतीय पुरुष हॉकी टीम सबसे सफल रही है। इस बार टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर ये साबित कर दिया है कि पुरुषों की हॉकी के खेल का असली बादशाह भारत ही है, क्योंकि सबसे ज्यादा Olympic पदक जीतने का रिकॉर्ड भारत के नाम है।
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ये रहा भारतीय हॉकी का स्वर्णिम काल
भारत ने हॉकी के खेल में सबसे पहले 1928 के Olympic खेल में भाग लिया था। तब से लेकर आज तक भारत ने Hockey खेल में आठ स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक अपने नाम दर्ज किेए हैं।अखंड भारत ने तीन बार ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल की हैट्रिक लगाई। 1928 में नीदरलैंड में हुए ओलंपिक खेलों में भारत ने गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद अमेरिका में 1932 में और 1936 में जर्मनी में हुए ओलंपिक खेलों में भारत ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। 1940 और 1944 में होने वाले ओलंपक खेलों को दूसरे विश्व युद्ध के कारण रद्द करना पड़ा था।
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आजादी के बाद भारत ने फिर से लगाई गोल्ड की हैट्रिक
आजादी के बाद पहली बार भारत ने 1948 के Olympic खेलों में भाग लिया और फिर से दिखा दिया कि ओलंपिक के हॉकी के खेल की बादशाह टीम भारत ही है। भारत ने इंग्लैंड में हुए 1948 के ओलंपिक, 1952 में फिनलैंड ओलंपिक और फिर 1957 में ऑस्ट्रेलिया में हुए ओलंपिक खेलों में भी गोल्ड मेडल जीतकर भारत ने फिर से हैट्रिक लगाई। भारत अब तक लगातार 6 गोल्ड मेडल जीत चुका था।
Olympic खेलों में लगातार छह गोल्ड मेडल हासिल करने के बाद भारत 1960 में इटली में हुए ओलंपिक खेलों में दूसरे स्थान पर रहा और उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। हालांकि, जापान में हुए 1964 के ओलंपिक खेलों में देश ने हॉकी के खेल में फिर से गोल्ड मेडल हासिल किया, लेकिन 1968 में मैक्सिको और 1972 में जर्मनी में हुए ओलंपिक खेलों में भारत को कांस्य पदक जीतने में सफलता मिली थी। वहीं, 1976 में कनाडा में हुए ओलिंपिक खेलों में भारत सातवें स्थान पर रहा था।
भारत ने फिर से की दमदार वापसी
7 बार Olympic गोल्ड जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम ने 1980 में सोवियत संघ में हुए ओलंपिक खेलों में दमदार वापसी की और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। लेकिन इसके बाद भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक के खेल में सबसे बुरा दौर आया, जिसमें भारत 2016 तक पदक तो छोड़िए सेमीफाइनल तक का सफर तय नहीं कर पाया। एक बार तो टीम क्वालीफाई भी नहीं कर पाई।
41 साल बाद Olympic में भारत ने फिर किया कमाल
अब मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 2020 के ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीतकर ये साबित कर दिया है, भारतीय युवा टीम फिर से ओलंपिक खेलों में अपनी पुरानी पहचान वापस हासिल कर सकती है।