भारतीय हॉकी के भीष्म पितामह बलबीर सिंह का 96 की उम्र में निधन

1610
Advertisement
  • ओलिंपिक फाइनल में सबसे ज्यादा 5 गोल करने का उनका वर्ल्ड रिकॉर्ड आज भी कायम
  • पिछले दो हफ्ते से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में थे भर्ती
  • इलाज के दौरान तीन बार दिल का दौरा भी पड़ा था
  • पद्मश्री सम्मान हासिल करने वाले देश के पहले खिलाड़ी

नई दिल्ली। हॉकी के महानतम खिलाड़ियों में शुमार बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार सुबह 95 साल की उम्र में मोहाली में निधन हो गया। वे पिछले दो हफ्ते से यहां के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे।उन्होंने सुबह साढ़े छह बजे अंतिम सांस ली। हॉकी इंडिया ने भी पूर्व ओलिंपियन बलबीर सिंह के निधन पर दुख जताया है। उन्हें 8 मई को निमोनिया और तेज बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्हें तीन बार दिल का दौरा भी पड़ा। दिमाग में खून का थक्का जमने की वजह से वे 18 मई से कोमा में थे।

बलबीर ने 1952 के हेलसिंकी ओलिंपिक के फाइनल में नीदरलैंड्स के खिलाफ 5 गोल किए थे। किसी ओलिंपिक फाइनल में सबसे ज्यादा गोल करने का उनका यह रिकॉर्ड आज भी कायम है। भारत ने यह मुकाबला 6-1 से जीता था।

वे तीन बार के ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट थे

लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलिंपिक में गोल्ड जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उन्हें अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी ने आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम खिलाड़ियों में शामिल किया था। वे इस लिस्ट में शामिल होने वाले देश के इकलौते खिलाड़ी थे।

पद्मश्री हासिल करने वाले देश के पहले खिलाड़ी थे

इस पूर्व ओलिंपियन को 1957 में पद्मश्री दिया गया था। वह यह सम्मान हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी थे। वे 1975 में इकलौता हॉकी वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर थे। सिंह ने भारत के लिए 61 मैच में 246 गोल किए थे। 1956 मेलबर्न ओलिंपिक में उन्होंने भारतीय दल की अगुआई की थी। तब उनकी कप्तानी में भारतीय हॉकी टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को 1-0 से हराकर लगातार तीसरी बार गोल्ड जीता था।

Share this…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here