नई दिल्ली। Wrestler’s Protest: भारतीय कुश्ती संघ के पूवर्स अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। मंगलवार को पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने अपने मेडल्स गंगा नदी में बहाने का फैसला लिया। वे हरिद्वार में हर की पौड़ी पहुंचे, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने उन्हें मेडल बहाने से रोक लिया। टिकैत ने पहलवानों ने पांच दिन का समय लिया है। इस बीच रेसलिंग के सबसे बड़े संगठन यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने मौजूदा स्थिति पर अपना बयान जारी किया है। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने कहा कि अगर 45 दिनों के अंदर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव नहीं होते हैं तो ङ्खस्नढ्ढ को आगे के मैचों के लिए सस्पेंड किया जा सकता है।
Cricket: IPL खत्म लेकिन बरकरार रहेगा क्रिकेट का रोमांच, जान लीजिए पूरा कैलेंडर
पहलवानों के साथ हो रहे व्यवहार की कड़ी निंदा
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने आधिकारिक बयान में कहा- हमने भारत की स्थिति पर चिंता के साथ नजर रखी है, जहां पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष द्वारा दुर्व्यवहार और उत्पीडऩ का विरोध कर रहे हैं। हालांकि डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को Wrestler’s Protest के प्रारंभिक चरण में ही अलग कर दिया गया है और वर्तमान में वह प्रभारी नहीं हैं। UWW ने आगे कहा- अंतिम दिनों की घटनाएं और भी चिंताजनक हैं। विरोध मार्च शुरू करने के लिए पहलवानों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। जिस स्थान पर वे एक महीने से अधिक समय से विरोध कर रहे थे, उसे भी अधिकारियों ने साफ कर दिया है। UWW पहलवानों के साथ हो रहे व्यवहार की कड़ी निंदा करता है।
पहलवानों के साथ मीटिंग आयोजित करेगा UWW
संगठन ने आगे कहा- जैसा कि Wrestler’s Protest की शुरुआत से पहले ही हो चुका है, UWW पहलवानों के साथ उनकी स्थिति और सुरक्षा के बारे में पूछताछ करने के लिए एक मीटिंग आयोजित करेगा। UWW, IOA और WFI की एड-हॉक कमेटी से अगली ऐच्छिक आम सभा के बारे में और जानकारी का अनुरोध करेगा। यदि 45 दिन के अंदर चुनाव नहीं होते हैं तो महासंघ को निलंबित करना पड़ सकता है, जिससे एथलीटों को भारतीय ध्वज के बिना प्रतिस्पर्धा करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।