नई दिल्ली। Bajrang Punia: दिल्ली की एक अदालत ने कुश्ती कोच नरेश दहिया की ओर से दायर मानहानि मामले में पहलवान बजरंग पूनिया को 6 सितंबर को तलब किया है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट यशदीप चहल ने पूनिया को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। शिकायत 10 मई को जंतर-मंतर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में दहिया के खिलाफ पूनिया के बयान से संबंधित है। पहलवान तब निवर्तमान भारतीय कुश्ती महासंघ प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह द्वारा छह महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीडऩ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
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बयान दुर्भावनापूर्ण दिया गया
अदालत ने शिकायत, दस्तावेजों और समन पूर्व साक्ष्यों पर विचार किया। अदालत ने आगे कहा- ऐसा प्रतीत होता है कि Bajrang Punia द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया गया बयान दुर्भावनापूर्ण और अच्छे विश्वास में नहीं दिया गया था। न्यायाधीश ने कहा, ‘उसी के मद्देनजर आरोपी बजरंग पूनिया को आईपीसी की धारा 499 के साथ धारा 500 के साथ दंडनीय अपराध के लिए बुलाया जाए।’ दोनों धाराएं आपराधिक मानहानि से संबंधित हैं।
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पूनिया ने धरने के दौरान दिया था बयान
भारतीय के शीर्ष पहलवानों के नेतृत्व में देश के 30 पहलवान जनवरी 2023 में धरने पर बैठ गए थे। पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कई कोच पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि बृजभूषण और कई कोच महिला खिलाडिय़ों और महिला कोच का यौन शोषण करते हैं। हालांकि, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से बातचीत के बाद पहलवानों ने धरना खत्म कर दिया था। कई महीने इंतजार करने के बाद जब कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हुई तो पहलवान अप्रैल में फिर धरने पर बैठे थे और एक महीने से अधिक समय तक दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर रहे थे। इसी दौरान Bajrang Punia ने कोई ऐसा बयान दिया था, जिसे आधार बनाकर नरेश दाहिया ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
एशियाई खेलों के लिए मिली है सीधे एंट्री
बता दें कि हाल ही में Bajrang Punia और विनेश फोगाट को एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश दिया गया है। जबकि शेष 16 ओलंपिक भार वर्गों में अन्य उम्मीदवारों को ट्रायल्स से गुजरना पड़ा। पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश देने के फैसले को चुनौती दी थी। हालांकि उनकी याचिका खारिज कर दी गई। उल्लेखनीय है कि 38 वर्षीय अनीता श्योराण एकमात्र महिला उम्मीदवार हैं जो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृज भूषण सिंह द्वारा खाली किए गए पद को संभालने की दौड़ में हैं।