नई दिल्ली। अनुभवी चक्काफेंक खिलाड़ी सीमा पूनिया और भारतीय गोल्फर अदिति अशोक ने Tokyo Olympics के लिए क्वालिफाई कर लिया है। यह दूसरा मौका है, जबकि अदिति ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। सीमा पूनिया ने राष्ट्रीय अंतर राज्य एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 63.70 मीटर का थ्रो फेंककर स्वर्ण पदक जीता ।
Many congratulations to Seema Punia who booked her #TicketToTokyo with a throw of 63.72m in the women’s discus throw at the National Inter-State #Athletics Championship.
The qualifying mark was 63.5m.#Cheer4India pic.twitter.com/BpyQIlvLpC
— SAIMedia (@Media_SAI) June 29, 2021
सैतीस वर्ष की पूनिया ने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था । उन्होंने 63.50 मीटर का ओलंपिक क्वालीफाइंग मार्क हासिल किया। वहीं दूसरी तरफ, मंगलवार को इंटरनेशनल गोल्फ फेडरेशन ने ओलिंपिक के लिए महिला खिलाड़ियों के नामों की सूची जारी की। जिसमें अदिति अशोक का भी नाम शामिल था। इससे पहले पिछले हफ्ते पुरुषों की जारी सूची में अनिर्बान लाहिरी ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर गए थे। लाहिरी सूची में 60 वें स्थान हैं। टोक्यो ओलिंपिक 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होना है।
I still think of @Rio2016 like it was only yesterday. To have the honour of playing for India @OlympicGolf @Tokyo2020 is beyond exciting. I’m privileged to have the opportunity to represent my country & my sport at the games again.#Tokyo2020 #OlympicGolf
🇮🇳⛳️🏌🏻♀️
📸 @GettyImages pic.twitter.com/rVN0Tu1ckD— Aditi Ashok (@aditigolf) June 29, 2021
लाहिरी इकलौते भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं, जिन्होंने Tokyo Olympics के लिए गोल्फ में क्वॉलिफाई किया है। 2016 रियो ओलिंपिक के लिए लाहिरी के अलावा एसएसपी चैरसिया ने भी क्वॉलिफाई किया था। ओलिंपिक में गोल्फ को 2016 में दोबारा से शामिल किया गया। इससे पहले 1904 के ओलिंपिक में गोल्फ को आखिरी बार शामिल किया गया था।
Tokyo Olympics पर गहराया Corona के डेल्टा वैरिएंट का साया
एक देश के दो खिलाड़ियों को मिलता है मौका
ओलिंपिक में गोल्फ में 36 देशों के खिलाड़ी भाग लेंगे। अमेरिका को छोड़कर हर देश के दो खिलाड़ी ही ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर सकते हैं। अमेरिका एकमात्र देश है, जहां से दो से अधिक खिलाड़ी क्वॉलिफाई कर सकते हैं। इंटरनेशनल रैंकिंग में बेहतर स्थिति में होने के कारण अमेरिका को यह फायदा मिला है।