नहीं मिली सरकारी मदद, हैदराबाद की होटल में करना पड़ा Covod-19 के कारण क्वारंटाइन
नई दिल्ली। भारत में Covod-19 का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश के पूर्व ओलंपिक फुटबाॅलर और राष्ट्रीय टीम के कोच रहे सैयद शाहिद हकीम Covod-19 की चपेट में आ गए हैं। Covod-19 पाॅजिटिव पाए जाने के बाद 81 वर्षीय शाहिद हकीम को हैदराबाद के एक होटल में क्वारंटाइन किया गया है। क्योंकि उन्हें सेना के अस्पताल में बैड ही नहीं मिल पाया। उन्होंने सरकारी अस्पताल में भी इलाज के प्रयास किए लेकिन वहां सुविधाएं पर्याप्त नहीं होने के कारण उन्हें होटल में क्वारंटाइन होना पड़ा है।
शाहिद हकीम भारत की उस ऐतिहासिक फुटबाॅल टीम का हिस्सा थे, जिसने 1960 के Rome Olympic फुटबाॅल में छठा स्थान हांसिल किया था। अपना पूरा जीवन खेल को समर्पित करने वाले इस खिलाड़ी को इस समय मदद की दरकार है लेकिन सरकार से कोई मदद नहीं मिल रही है।
सांस लेने में आ रही थी परेशानी
शाहिद हकीम का कहना है कि उन्हें कुछ दिनों से सांस लेने में परेशानी हो रही थी। जांच में वे Covod-19-पाॅजिटिव मिले। इलाज के लिए उन्हें सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां हालात ठीक नहीं थे। सेना अस्पताल में उन्हें बैड ही नहीं मिल पाया। जिसके बाद उनके भतीजे ने उन्हें हैदराबाद की एक होटल में कमरा लेकर क्वारंटाइन किया। हालांकि अब उनकी हालत में सुधार है।
weightlifter pradeep singh डोपिंग के दोषी, 4 साल का बैन
Manchester Test कल से, विंडीज के पास इतिहास रचने का मौका
नहीं मिली कहीं से मदद
शाहिद हकीम का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई मदद नहीं मिल सकी है। उनकी बहन अमेरिका में रहती है और वही Covod-19 के इलाज का खर्च उठा रही है। जिन खिलाड़ियों ने देश का मान बढ़ाया कम से कम उनकी तो सरकार को मदद करनी चाहिए। हकीम कहते हैं कि वे ओलंपिक खेल चुके एक मात्र जीवित भारतीय फुटबाॅलर हैं। नेशनल टीम के कोच भी रह चुके हैं।
सरकार कर रही है अनदेखा
शाहिद हकीम का कहना है कि उन्होंने खेल मंत्री को ओलंपियन खिलाड़ियों की बदहाली पर पत्र भी लिखा था। उनका कहना है कि फुटबाॅल ओलंपियन एक-एक कर मर रहे हैंे लेकिन सरकार उनकी सही तरीके से देखरेख भी नहीं कर पा रही है। जब क्रिकेट बोर्ड अपने पूर्व खिलाड़ियों का ध्यान रख सकता है तो फुटबाॅलर्स को भी कम से कम पेंशन की व्यवस्था तो सरकार करे।
2017 में मिला था ध्यानचंद अवाॅर्ड
शाहिद हकीम देश के दूसरे ऐसे फुटबाॅलर हैं जिन्हें खेलों में लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिए 2017 में ध्यानचंद अवाॅर्ड से सम्मानित किया गया। हकीम देश के महान फुटबाॅल कोच सैयद अब्दुल रहीम के बेटे हैं। जिन्हें भारत फुटबाॅल का पायोनियर माना जाता है। रहीम की कोचिंग में ही भारत फुटबाॅल टीम ने 1951 और 1962 में एशियाड फुटबाॅल में गोल्ड मैडल जीता था।