विरोध के बाद बीसीसीआई में चर्चाओं का दौर शुरू
नई दिल्ली। बीसीसीआई Chinese Company VIVO से IPL की टाइटल स्पाॅन्सरशिप छीन सकता है। गलवान घाटी की हिंसक झड़प के बाद बने चीन विरोधी माहौल में सभी तरफ से यह मांग की जा रही थी कि बीसीसीआई वीवो को IPL की टाइटल स्पाॅन्सरशिप से हटाए। लेकिन अपने वित्तीय लाभ को देखते हुए बीसीसीआई के लिए ऐसा करना मुश्किल हो रहा था। लेकिन अब आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने भी विरोध का झंडा बुलंद कर लिया है। ऐसे में बदले घटनाक्रम में कम से कम इस साल वीवो की आईपीएल से रवानगी हो सकती है।
बीसीसीआई ने Chinese Company VIVO के साथ 5 साल का करार किया था, जो 2022 में समाप्त होना है। इसके तहत बीसीसीआई को वीवो से हर साल करीब 440 करोड़ रूपए मिलते हैं। रविवार को हुई IPL की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में वीवो की स्पाॅन्सरशिप पर चर्चा की गई थी। काउंसिल सदस्यों का मानना था कि अब इतनी जल्दी नया टाइटल स्पाॅन्सर ढूंढना संभव नहीं है। इसके बाद वीवो को हरी झंडी दे दी गई।
इसके बाद BCCI की आईपीएल फ्रेंचाइजी के साथ बैठक हुई। जिसमें लगभग सभी फ्रेंचाइजी ने Chinese Company VIVO को लेकर नाराजगी जताई। सूत्रों का कहना है कि फ्रेंचाइजी का तर्क था कि पब्लिक का माहौल चीन के खिलाफ है, ऐसे में अगर वीवो ही टाइटल स्पाॅन्सर रहता है तो लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। जिससे ज्यादा नुकसान होगा। इसके बाद बीसीसीआई स्तर पर इस बात को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि वीवो को किसी दूसरी कंपनी से रिप्लेस किया जा सकता है।
RSS से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि एक तरफ भारतीय सैनिक सीमा पर चीन से लड़ रहे हैं। देश के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं। हम अपने सैनिकों का समर्थन करते हुए चाइनीज कंपनियों और उनके सामान का बायकॉट कर रहे हैं। ऐसे में बीसीसीआई ने Chinese Company VIVO से अपना करार जारी रखते हुए भारतीय सैनिकों का अपमान किया है। यदि यह करार नहीं तोड़ा गया तो हम आईपीएल का बायकॉट करेंगे।
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RSS से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा, ‘‘जब से गलवान घाटी में हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं, तब से देशभर में चीन और उनकी कंपनियों के खिलाफ विरोध चल रहा है। ऐसे में IPL-2020 के ऑर्गनाइजर्स ने Chinese Company VIVO को स्पॉन्सर बना दिया। यह दिखाता है कि उनकी भावनाएं सही नहीं हैं। यदि जल्द ही करार को खत्म नहीं किया गया, तो हमारे पास IPL का बायकॉट करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं होगा।’’
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क्रिकेट देश से बढ़कर नहीं है
RSS से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा, ‘‘हम आईपीएल के ऑर्गनाइजर्स से अपील करते हैं कि वे अपने फैसले पर दोबारा विचार करें। यदि ऐसा नहीं होता है, तो जो देशभक्त चीनी कंपनियों का बहिष्कार कर रहे हैं, उन पर गलत प्रभाव पड़ेगा। याद रखिए कि देश से बढ़कर कुछ भी नहीं है, क्रिकेट भी नहीं।’’
BCCI को 440 करोड़ की कमाई
Chinese Company VIVO IPL की टाइटल स्पॉन्सर है, जो बीसीसीआई को कॉन्ट्रैक्ट के तौर पर हर साल 440 करोड़ रुपए देती है। आईपीएल का कंपनी से 5 साल का करार 2022 में खत्म होगा। देशभर में चीनी कंपनियों के भारी विरोध के बावजूद बीसीसीआई ने अपना करार जारी रखा है।
गलवान में 15 जून को खूनी झड़प
15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही देशभर में chinese companies का बायकॉट शुरू हो गया। साथ ही भारत सरकार ने भी चीन के 60 से ज्यादा ऐप्स को बैन कर दिया।