तीन साल के करार के लिए तैयार कंपनी सिर्फ एक साल पर अटकी
IPL-2020 के बाद बीसीसीआई नए सिरे से शुरू करेगा टाइटल प्रायोजक की तलाश
नई दिल्ली। IPL-2020 की नई टाइटल प्रायोजक गेमिंग कंपनी Dream11 की बीसीसीआई के साथ पारी शुरू होते ही अटकने लगी है। बीसीसीआई के साथ तीन सालों के लिए करार करने की इच्छुक कंपनी को बोर्ड ने सिर्फ 2020 आईपीएल तक ही सीमिति कर दिया है। बोर्ड का कहना है कि Dream11 ने 2021 तथा 2022 के लिए बोली कम लगाई है। इसलिए सिर्फ इस बार का ही टाइटल प्रायोजक उसे बनाया गया है। लेकिन अंदरखाने सूत्रों का कहना है कि Dream11 के भी Chinese Companies से जुड़े तारों ने उसके बीसीसीआई के साथ के सफर को छोटा कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि Chinese Companies के विरोध के कारण ही बीसीसीआई को चीनी कंपनी VIVO को अलविदा कहना पड़ा। इसके बाद नए प्रायोजक की तलाश की गई। जिसमें Dream11 ने सबको पीछे छोड़ दिया। लेकिन बाद में सामने आया कि Dream11 में भी दो चाइनीज कंपनियों का निवेश है। इसके बाद से ही चर्चाओं का दौर शुरू हो गया कि जब BCCI को चीनी कंपनियों से ही जुड़ना था तो वीवो को हटाया ही क्यों।
हालांकि BCCI सूत्र अलग ही कहानी सामने रख रहे हैं। उनका कहना है कि ड्रीम11 को इस सत्र के लिए ही प्रायोजन के अधिकार सौंपे गए हैं। अलगर अगले साल से VIVO वापस जुड़ना चाहेगी तो उसे ही प्राथमिकता मिलेगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या अगले साल तक चीनी कंपनियों के विरोध का माहौल ठंडा हो जाएगा।
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Dream11 ने बोली बढ़ाने से किया इनकार
सूत्रों का कहना है कि BCCIऔर Dream11 टीम के बीच इस बात को लेकर भी चर्चा हुई थी कि अलगे दो सालों के लिए Dream11 अपनी बोली को बढ़ाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस पर बोर्ड ने उसे सिर्फ इस साल के लिए ही सीमित कर दिया। बोर्ड अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले साल तक वीवो वापस से IPL से जुड़ जाएगा। इसके पीछे कारण भी साफ है कि VIVO से जितना पैसा मिल रहा था, Dream11 उससे आधा ही देगा। लिहाजा बीसीसीआई ज्यादा कमाई की उम्मीद में बैठा है।
अगले साल फिर लगेगी बोली
हालांकि, इन सबके बीच इस बात की संभावना ज्यादा नजर आ रही है कि अगले साल BCCI आईपीएल के नए टाइटल प्रायोजक के लिए नए सिरे से बोली लगवाए। क्योंकि हालिया माहौल में अगले साल भी VIVO की वापसी मुश्किल है। वहीं Dream11 के चाइनीज कनेक्शन के कारण इसका भी लंबा टिकना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में बीसीसीआई अंदरखाने किसी ऐसी कंपनी को जोड़ना चाह रही है, जो रकम भी ज्यादा दे और किसी विवाद से भी जुड़ी हुई ना हो। फिलहाल इतने कम समय में IPL-2020के लिए यह संभव नहीं था। इसीलिए Dream11 का करार सिर्फ एक साल तक के लिए रखा गया है।
आईपीएल-2020 के बाद BCCI नए टाइटल प्रायोजक की तलाश शुरू करेगा और उसके पास समय भी पर्याप्त होगा। अगर VIVO वापसी नहीं करता तो पूरी संभावना है कि बीसीसीआई 2021 और 2022 के लिए नए सिरे से बोली लगवाएगा क्योंकि दुनिया का सबसे धनी बोर्ड 400 करोड़ रुपये से कम पर तैयार नहीं होगा।